बुधवार, 11 मार्च 2009

आया देखो फागुन री


आया देखो फागुन री
मन सबका भटकाए री
लहर लहर बरसे रंग अंगना
सारी देह भिजो डारी।


रंग दे सखि इक ऐसे रंग में
जीवन भर ना छूटे री
रंग होरी के कच्चे सारे
पर पी का संग ना छूटे री ।

आज पिया बन कृष्ण कन्हैया
रंग देंगे जो तन मन सारा
मैं राधा बन रास रचाॐ
कंत के संग रंग जाऊं री।


बाकी रंग तो कच्चे सारे
मन का रंग ही पक्का री
इस रंग में रंग दे जो हमको
सखि ऐसा गीत सुना जा री।
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सभी पाठकों को होली की शुभकामनाएँ
पूनम




4 टिप्‍पणियां:

रश्मि प्रभा... ने कहा…

bahut sundar faguni rang.......

रावेंद्रकुमार रवि ने कहा…

सचमुच मन का पक्का रंग,
ख़ूब चढ़े जो "पी" के संग!

Manoshi Chatterjee मानोशी चटर्जी ने कहा…

पूनम आपको होली की अनेकोम शुभकामनाये। आपका मेरे होली गीत व आवाज़ पसंद करने का शुक्रिया।

अविनाश ने कहा…

सुन्दर रचना
शुक्रिया